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Tuesday 15 March 2016

राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने किया महाराणा प्रताप स्कूल की नई बिल्डिंग का लोकाअर्पण, देश व समाज के विकास के लिए बच्चों का गुणात्मक विकास करना जरुरी:सोलंकी

फोटो समाचार
राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने किया महाराणा प्रताप स्कूल की नई बिल्डिंग का लोकाअर्पण, देश व समाज के विकास के लिए बच्चों का गुणात्मक विकास करना जरुरी:सोलंकी
कुरुक्षेत्र 4 मार्च -  हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि देश व समाज के विकास के लिए बच्चों का गुणात्मक विकास करना बेहद जरुरी हैं। मनुष्य शरीर से नहीं गुणों से अच्छा होता हैं, यह सब समाज तय करता हैं।
वे शुक्रवार को महाराणा प्रताप स्कूल सैक्टर 7 के सभागार में महाराणा प्रताप पब्लिक स्कूल सैक्टर 30 के नए भवन के लोकार्पण के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज के उत्थान के लिए बच्चों को गुणात्मक शिक्षा दी जाए। इससे अच्छा ओर कोई काम नहीं हैं। जिस परिवार के बच्चें शिक्षित होते है वह परिवार सदा उन्नत होता हैं। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो एक साधारण व्यक्ति को शिखर तक ले जाता हैं। कुरुक्षेत्र में महाराणा प्रताप पब्लिक स्कूल के नाम से बना शिक्षण संस्थान इस क्षेत्र के बच्चों को 1992 से गुणात्मक शिक्षा प्रदान कर रहा हैं, यह अपने आप में एक बहुत बड़ा शुभ का कार्य हैं। इस संस्थान में पढऩे वाले विद्यार्थियों को महाराणा प्रताप के पदचिन्हों पर चलकर उनसे शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। महाराणा प्रताप ने देश के सम्मान के लिए अपना पूरा जीवन निछावर कर दिया। यहीं कारण है कि आज महाराणा प्रताप का नाम पूरा देश आदर से लेता हैं। 
राज्यपाल ने स्कूल प्रंबधक समिति के सभी पदाधिकारियों व शिक्षकों का आभार प्रकट किया और कहा कि उनके द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने संस्थान में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ कर्तव्यनिष्टा व संस्कारवान बनाने की प्रेरणा दे। स्कूल के प्राचार्य एनी फिलिप ने स्कूल की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सीपीएस श्याम सिंह राणा व थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में स्कूल की छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुती दी गई। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त प्रभजोत सिंह, महाराणा प्रताप शिक्षा समिति के अध्यक्ष गजे सिंह पुंडीर, मैनेजर महेन्द्र सिंह तंवर, क्षत्रिय सभा के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह तंवर, महासचिव राजकरण सिंह तंवर सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे। 

हरियाणा प्रदेश फिर शांति, समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ेगा:रामदेव
हरियाणा की महिमा और गौरव को स्थापित करना है, देश व धर्म के शत्रुओं के साथ निपटने की सीमा करे तय, साधु-संतों और विद्ववानों ने गीता के उपदेशों का दिया संदेश, ऐतिहासिक रहा गीता ज्ञान संस्थानम शिलान्यास उत्सव
कुरुक्षेत्र 4 मार्च -  योग गुरु स्वामी बाबा रामेदव ने कहा कि हरियाणा की इसी पावन धरा पर सदियों वर्ष बहने वाली सरस्वती नदी के पवित्र तट पर वेदों की रचना हुई। इसी हरियाणा की भूमि पर देवी-देवताओं का वास रहा और दूनिया को शांति का संदेश भी इसी धरा से दिया गया और इसी धरा पर धर्मयुद्ध भी हुआ, लेकिन इस सरजमीं पर कभी जाति के नाम पर संग्राम नहीं हुआ। अभी हाल में ही घटित घटना ने हरियाणा की इज्जत पर दाग लगाने का काम किया, लेकिन हरियाणा वासी फिर मिलकर शांति समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।
स्वामी रामदेव शुक्रवार को केडीबी रोड़ पर गीता ज्ञान संस्थानम शिलान्यास उत्सव में अभी हाल में ही हरियाणा में हुए धटनाक्रम पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर हरियाणा के कोने-कोने आए विद्ववान व आमजनों को हरियाणा प्रदेश में एकजुट होकर प्रदेश में शांति और भाईचारे की भावना को कायम करने का संकल्प लेना होगा। हरियाणा की भूमि पर जन्मा प्रत्येक व्यक्ति ईश्वर की संतान हैं। केवल मात्र राजनैतिक रोटियां सेकने के उदेश्य से हरियाणा में खूनी संघर्ष हुआ और हरियाणा की साख पर दाग लगा। इससे पूवर्जों के नाम पर भी धब्बा लगा। इस वाक्य को बड़ी वेदना और सवेंदना के साथ व्यक्त करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि हरियाणा में घटित घटनाक्रम से अच्छा संदेश नहीं गया। हरियाणा प्रदेश राजनैतिक, कारपोरेट, खेल, अध्यात्म और हर क्षेत्र में अव्वल रहा हैं, यह प्रदेश कभी भी जातिवाद की दीवारों में नहीं बंधा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की महिमा और गौरव को खंडित नहीं होने देना, आरक्षण मिले या ना मिले लेकिन हरियाणा के गौरवशाली इतिहास और इंसानियत को बनाए रखना हैं। प्रदेश को 35-36 बिरादरियों में बांटने का काम कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा हैं। इससे किसी समस्या का समाधान होने वाला नहीं है, जब ईश्वर एक हैं तो सभी जातियां और बिरादरियां भी एक हैं। उन्होंने कहा कि गीता के ज्ञान को धारण कर हरियाणा वासियों को शांति और शौर्य के मार्ग पर आगे बढऩा होगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 7 व 8 मार्च को गुडग़ांव में हैप्पनिंग हरियाणा ग्लोबल इन्वेसटर मीट का आयोजन किया जा रहा हैं। 
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देश व धर्म के शत्रुओं को सहन करने की सीमा करे तय:तोगडिय़ा
विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा कि 5 हजार वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश दिए। आज स्वामी ज्ञानानंद के मार्गदर्शन में गीता ज्ञान संस्थानम की स्थापना करने की योजना से पूरे विश्व को एक नया मार्ग मिलेगा। इस संस्थानम से पूरी दूनिया का तनाव से मुक्ति मिलेगी। आज एक तिहाई जनसंख्या रोगी बन चुकी हैं। इस पर 14 लाख करोड़  खर्च किए जा रहे हैंै और आंकलन किया जा रहा हैं कि इस प्रकार के क्रियाकलापों पर 280 लाख करोड़ खर्च किए जाएंगे। इन तमाम बिमारियों से केवल गीता का ज्ञान ही मुक्ति दिला सकता हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी, पठानकोट में पाकिस्तान द्वारा हमला, गौहत्या,जैसे कार्य करने वाले देश और धर्म के शत्रुओं को सहन करने की सीमा तय करनी होगी। उन्होंने कहा कि धर्म का मूल गुण पर ध्यान देना होगा, इतना ही नहीं किसान आत्महत्या, गरीब को भूखा न रहने देना और युवाओं को रोजगार मुहैया करवाना जैसी समस्याओं का भी समाधान करना होगा। इस प्रकार आंतरिक और बाहरी शत्रुओं पर काबू पाना होगा, इसके लिए गीता के संदेशों को आधुनिक संदर्भ में अपनाना होगा।
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विश्व शांति के लिए यूएनओ को अपनाना होगा गीता को:इन्द्रेश
आरएसएस राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि विश्व में मानवता और शांति स्थापित करने के लिए यूएनओ को पवित्र ग्रन्थ गीता को अपनाना होगा। गीता ही मुक्तियों का मार्ग हैं, खतरों मेे रोशनी दिखाने का साधन भी गीता हैं। विश्व की विभिन्न भाषाओं के ग्रन्थों में सबसे प्राचीनतम ग्रन्थ गीता ही हैं। दुनिया में सबको साथ लेकर चलने वाला गन्थ भी गीता ही हैं। अब गीता ज्ञान संस्थानम विश्व को नया मार्ग दिखाने में अपनी भूमिका निभाऐगा। इस संस्थान में हरियाणा के एक-एक नागरिक का योगदान होगा। प्रदेश वासियों के सहयोग से ही इस संस्थान के निर्माण पर 100 करोड़ रुपए की राशि और संचालन के लिए प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपए की राशि की जरुरत होगी।
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जीवन का सार है गीता:देवव्रत
हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने महान योद्धा सिकंदर व उसके गुरु अरस्तु के साथ भारत में घटी एक घटना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूरी दूनिया को जीतकर भारत पहुंचे सिकंदर ने एक साधु के गीता ज्ञान के सामने अपने हथियार डाल दिए, इससे सिद्ध होता है कि गीता ज्ञान मन के अंदर ही नहीं अपितु बाहरीय दुश्मनों को भी धाराशायी करने में सक्षम हैं। गीता ज्ञान तरु को रोपित करने के लिए यह संस्थान मानवता का कल्याण करने में सहायक सिद्ध होगा और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के प्रयासों से फिर से कुरुक्षेत्र की पावन धरा से गीता के संदेश गुंजेंगे, जिससे मानवता का कल्याण होगा।
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बेटियों ने डाला गीता के उपदेशों पर प्रकाश
मेरठ से आई तीन नन्हीं बेटियों, अमरत्य व सारसा राजकीय स्कूल की बेटियों ने गीता के उपदेशों और हरियाणवी भाषा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संदेश पर विस्तृत प्रकाश डाला। इतना ही नहीं गुगल ब्वाय कोटिल्य व उसकी बहन ने भी गीता के उपदेशों पर प्रकाश डाला।
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हर भाषा व बोली में लिखी गीता को देखा जा सकेगा पुस्तकालय में:सुमेधा
आईएएस अधिकारी सुमेधा कटारिया ने गीता ज्ञान संस्थानम के जन्म पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि इस सस्थान की यात्रा का शुभारम्भ वर्ष 2012 में हरिद्वार में गंगा की हर की पौड़ी पर हुआ। यहां पर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के आहावान पर कोर कमेटी का गठन हुआ और 23 दिसम्बर 2012 को दिल्ली में जीओ गीता संस्थान को स्थापित किया गया। इस संस्थान के माध्यम से 50 हजार परिवारों के सदस्यों व 10 लाख लोगों को 9 श£ौकी पुस्तिका वितरित की गई। इतना ही नहीं महाराष्ट्र और पंजाब के 250 स्कूलों में गीता का ज्ञान वितरित किया गया और अब तक 80 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सैमिनारों का आयोजन किया जा चुका हैं। इसके बाद अब गीता ज्ञान संस्थानम में बनने वाले पुस्तकालय में हर बोली व भाषा में लिखी गीता के दर्शन होंगे वहीं शोध संस्थान में गीता पर और अधिक शोध किया जाएगा।

सामान्य लोक अदालत आज
कुरुक्षेत्र 4 मार्च जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से 5 मार्च को स्थानीय कोर्ट परिसर में सामान्य लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी एसीजेएम एवं डीएलएसए सचिव सुधीर परमार ने दी हैं।

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